Saturday, November 13, 2021

राष्ट्र नायक सरदार वल्लभ भाई पटेल : व्यक्तित्व और कृतित्व

 


राष्ट्र नायक सरदार वल्लभ भाई पटेल : व्यक्तित्व और कृतित्व   

{24-25 मार्च, 2022}

आयोजक  


हिंदी विभाग

के.एम.अग्रवाल कला, वाणिज्य एवं विज्ञान महाविद्यालय

कल्याण (पश्चिम ) – 421301

महाराष्ट्र ।

 

संयोजक

डॉ. मनीष कुमार मिश्रा

सहायक प्राध्यापक – हिंदी विभाग

के. एम. अग्रवाल महाविद्यालय

कल्याण – पश्चिम, महाराष्ट्र

 

परिसंवाद की अवधारणा :

            देश की आजादी के बाद इसे एक सूत्र में पिरोने वाले लौहपुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल मां भारती के सच्चे सपूत थे । सरदार पटेल की जयंती को राष्ट्रीय एकता दिवस (National Unity Day) के रूप में मनाया जाता है। सरदार वल्लभ भाई पटेल का जन्म 31 अक्टूबर 1875 को गुजरात के नडियाद में हुआ था। लंदन जाकर उन्होंने बैरिस्टर की पढ़ाई की और वापस आकर अहमदाबाद में वकालत करने लगे थे। इस दौरान आजादी की लड़ाई जोर पकड़ रही थी तो पटेल भी महात्मा गांधी के विचारों से प्रेरित होकर भारत के स्वतंत्रता आन्दोलन में कूद पड़े । स्वतंत्रता आंदोलन में सरदार पटेल का पहला और बड़ा योगदान 1918 में खेड़ा संघर्ष था । उन्होंने 1928 में हुए बारदोली सत्याग्रह में किसान आंदोलन का सफल नेतृत्त्व भी किया।

          लौहपुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल भारत के पहले उपप्रधानमंत्री और गृहमंत्री थे।  स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद देशी रियासतों का एकीकरण कर अखंड भारत के निर्माण में उनके योगदान को भुलाया नहीं जा सकता है। उन्होंने 562 छोटी-बड़ी रियासतों को भारतीय संघ में मिलाकर भारत राष्ट्र का निर्माण कराया।

          यह सरदार पटेल का ही विजन था कि भारतीय प्रशासनिक सेवाएं देश को एक रखने में अहम भूमिका निभाएगी। उन्होंने भारतीय प्रशासनिक सेवाओं को मजबूत बनाने पर कापी जोर दिया। उन्होंने सिविल सेवाओं को स्टील फ्रेम कहा था।  महात्मा गांधी ने सरदार पटेल को लौह पुरुष की उपाधि दी थी। बारडोली सत्याग्रह आंदोलन के सफल होने के बाद वहां की महिलाओं ने वल्लभभाई पटेल को सरदार’ की उपाधि प्रदान की थी।  सरदार पटेल देश की एकता के सूत्रधार थे। इसी वजह से उनके जन्मदिन को राष्ट्रीय एकता दिवस के तौर पर मनाया जाता है। सरदार पटेल का निधन 15 दिसंबर, 1950 को मुंबई में हुआ था। सन 1991 में सरदार पटेल को मरणोपरान्त 'भारत रत्न' से सम्मानित किया गया। 

 

 

 

परिसंवाद का  उद्देश्य :

• सरदार वल्लभ भाई पटेल के जीवन और कार्यों से अवगत कराना ।

• विभिन्न भाषाओं में सरदार वल्लभ भाई पटेल से जुड़े शोध कार्यों की जानकारी साझा करना ।

• राष्ट्र निर्माण में सरदार वल्लभ भाई पटेल के योगदान को प्रमुखता से रेखांकित करना 

• सरदार वल्लभ भाई पटेल के राजनितिक, सामाजिक और सांस्कृतिक प्रभाव का विश्लेषण करना ।

• सरदार वल्लभ भाई पटेल के परिप्रेक्ष्य में आर्थिक-राजनीतिक प्रभाव की जांच करना ।

• कुशल राजनेता के रूप में सरदार वल्लभ भाई पटेल की भूमिका का मूल्यांकन करना ।

• भारतीय फिल्मों और अन्य कला माध्यमों द्वारा सरदार वल्लभ भाई पटेल के छवि निर्माण का मूल्यांकन करना ।  

• 21 वीं सदी में भारत के सामने आनेवाले अवसरों और चुनौतियों का सरदार वल्लभ भाई पटेल के परिप्रेक्ष्य में मूल्यांकन करना । 

• सरदार वल्लभ भाई पटेल के विभिन्न पहलुओं का दस्तावेजीकरण और इस तरह भविष्य के अनुसंधान के लिए मूल्यवान प्राथमिक डेटा उत्पन्न करना ।

 

 

 

 

शोध पत्र लिखने के लिए उप-विषय :

 

·         सरदार वल्लभ भाई पटेल का जीवन परिचय

·         स्वतंत्रता संग्राम में वल्लभभाई पटेल का योगदान

·         सरदार पटेल और किसान आन्दोलन

·         सरदार पटेल और महिला आन्दोलन

·         विभिन्न पदों पर सरदार वल्लभ भाई पटेल

·         आजादी के बाद सरदार पटेल द्वारा किए गए महत्वपूर्ण कार्य

·         सरदार पटेल का राजनीतिक जीवन

·         सरदार पटेल और उनके समकालीन राष्ट्रीय नेता  

·         सरदार बल्लभभाई पटेल को मिले राष्ट्रीय, अंतर्राष्ट्रीय सम्मान

·         सरदार पटेल पर केन्द्रित साहित्य

·         सरदार वल्लभ भाई पटेल का उपलब्ध साहित्य

·         कला माध्यमों में सरदार वल्लभ भाई पटेल

·         स्टैच्यू ऑफ यूनिटी

·         ऐतिहासिक दस्तावेजों में सरदार वल्लभ भाई पटेल

·         सिविल सेवाओं के गठन में सरदार वल्लभ भाई पटेल का योगदान

·         परिवार के मुखिया के रूप में सरदार वल्लभ भाई पटेल

·         वकालत और सरदार वल्लभ भाई पटेल

·         ऑपरेशन पोलो और सरदार वल्लभ भाई पटेल

·         पाठ्यक्रमों में सरदार वल्लभ भाई पटेल

·         सरदार वल्लभ भाई पटेल से जुड़े संस्थान

·         सरदार वल्लभ भाई पटेल से जुड़े शोध कार्य

·         वैज्ञानिक दृष्टिकोण और सरदार वल्लभ भाई पटेल

·         सरदार वल्लभ भाई पटेल का प्रबंधन कौशल्य

·         व्यापार और वाणिज्य को सरदार वल्लभ भाई पटेल का प्रदेय

·         सूचना प्रौद्योगिकी और सरदार वल्लभ भाई पटेल

 

शोध आलेखों हेतु महत्वपूर्ण सूचना: 

 

·         शोध पत्र हिंदीअंग्रेजी और मराठी भाषा में स्वीकार किये जायेंगे

·         हिंदी और मराठी भाषा के शोध पत्र यूनिकोड मंगल में ही भेजे

·         अंग्रेजी भाषा के आलेख Time New Roman Font Size 12 में टाइप कर भेजें

·         शोध आलेख न्यूनतम 1500 शब्दों एवं अधिकतम 3000 के अंदर ही हों

·         शोध आलेखों का फान्ट साइज़ 12 ही हो

·         शोध आलेखों के अंत में संदर्भ अनिवार्य है

·         सन्दर्भ सूची में लेखक का उपनाममुख्य नामपुस्तक का नामप्रकाशन का वर्ष एवं पृष्ठ संख्या अंकित होना चाहिए। पत्रिका के सन्दर्भ में लेख का शीर्षकपत्रिका का नामअंकपृष्ठ क्रम एवं प्रकाशन वर्ष दें।

  • शोध-पत्र A -4 साइज़ के कागज पर कंप्यूटर से एक तरफ मुद्रित हो।

·         शोध आलेख़ से पहले अधिकतम 300 शब्दों में शोध सार (Abstract) अवश्य भेजें

·         शोध सार (Abstract) भेजने की अंतिम तिथि 25 दिसंबर 2021 है

·         शोध सार (Abstract)  kmahindiconference@gmail.com पर वर्ड और पीडीऍफ़ दोनों ही फ़ाइल अटैचमेंट के रूप में ही भेजें

·         यदि आप का शोध सार (Abstract) स्वीकृत किया जाता है तो आप को इसकी सूचना ईमेल द्वारा 05 जनवरी 2022 तक प्रेषित कर दी जायेगी

·         स्वीकृत की सूचना मिलने के बाद आप 01 फरवरी 2022 तक अपना पूर्ण आलेख इसी ईमेल पर वर्ड और पीडीऍफ़ दोनों ही फ़ाइल अटैचमेंट के रूप में भेजें

·         शोध आलेखों की मौलिकता पर विशेष ध्यान दें

 

 

 

 

प्रकाशन योजना :

 

    परिसंवाद में प्रस्तुत शोध पत्रों में से चुने हुए 30 से 40 आलेखों को पुस्तकाकार रूप में ISBN / ISSN / UGC CARE LISTED JOURNAL में प्रकाशित करने की योजना है । इस सन्दर्भ में चयनित आलेखों के लेखकों से चर्चा की जाएगी । आलेखों के प्रकाशनार्थ किसी शुल्क को लेने न लेने का निर्णय महाविद्यालय परिस्थितियों के अनुरूप करने के लिए स्वतन्त्र है ।

 

परिसंवाद से अपेक्षित परिणाम  :

 

·         एक राष्ट्र के रूप में इस देश को एकता और अखंडता के सूत्र में पिरोने वाले सरदार वल्लभ भाई पटेल के जीवन और कार्यों से सभी को अवगत करना ।

·         सरदार वल्लभ भाई पटेल के माध्यम से राष्ट्रिय एकता, अखंडता और संप्रभुता की प्रांजल भावना का प्रचार-प्रसार करना ।

·         आज़ादी के अमृत महोत्सव में एक कृतज्ञ राष्ट्र रूप में अपने राष्ट्र नायकों को आदरांजलि देना ।

·         21 वीं सदी में भारत के सामने आनेवाले अवसरों और चुनौतियों का सरदार वल्लभ भाई पटेल के परिप्रेक्ष्य में मूल्यांकन करना । 

·          सरदार वल्लभ भाई पटेल के विभिन्न पहलुओं का दस्तावेजीकरण और इस तरह भविष्य के अनुसंधान के लिए मूल्यवान प्राथमिक डेटा उत्पन्न करना ।

·         सरदार वल्लभ भाई पटेल से जुडी भावी योजनाओं के निर्माण में सरकार को यथोचित सुझाव हेतु वैचारिक मंथन करना ।

 

 

 

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