सुभद्राकुमारी चौहान | |
सुभद्राकुमारी चौहान www.kavitakosh.org/subhadrakumari | ||||
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उपनाम | ||||
जन्म स्थान | ग्राम निहालपुर, इलाहाबाद, उत्तर प्रदेश, भारत | |||
कुछ प्रमुख कृतियाँ | मुकुल, त्रिधारा | |||
विविध | ||||
जीवनी | सुभद्राकुमारी चौहान / परिचय | |||
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- अनोखा दान / सुभद्राकुमारी चौहान
- आराधना / सुभद्राकुमारी चौहान
- इसका रोना / सुभद्राकुमारी चौहान
- उपेक्षा / सुभद्राकुमारी चौहान
- उल्लास / सुभद्राकुमारी चौहान
- कलह-कारण / सुभद्राकुमारी चौहान
- कोयल / सुभद्राकुमारी चौहान
- खिलौनेवाला / सुभद्राकुमारी चौहान
- चलते समय / सुभद्राकुमारी चौहान
- चिंता / सुभद्राकुमारी चौहान
- जीवन-फूल / सुभद्राकुमारी चौहान
- झाँसी की रानी की समाधि पर / सुभद्राकुमारी चौहान
- झांसी की रानी / सुभद्राकुमारी चौहान
- झिलमिल तारे / सुभद्राकुमारी चौहान
- ठुकरा दो या प्यार करो / सुभद्राकुमारी चौहान
- तुम / सुभद्राकुमारी चौहान
- नीम / सुभद्राकुमारी चौहान
- परिचय / सुभद्राकुमारी चौहान
- पानी और धूप / सुभद्राकुमारी चौहान
- पूछो / सुभद्राकुमारी चौहान
- प्रतीक्षा / सुभद्राकुमारी चौहान
- प्रथम दर्शन / सुभद्राकुमारी चौहान
- प्रभु तुम मेरे मन की जानो / सुभद्राकुमारी चौहान
- प्रियतम से / सुभद्राकुमारी चौहान
- फूल के प्रति / सुभद्राकुमारी चौहान
- बिदाई / सुभद्राकुमारी चौहान
- भ्रम / सुभद्राकुमारी चौहान
- मधुमय प्याली / सुभद्राकुमारी चौहान
- मुरझाया फूल / सुभद्राकुमारी चौहान
- मेरा गीत / सुभद्राकुमारी चौहान
- मेरा जीवन / सुभद्राकुमारी चौहान
- मेरा नया बचपन / सुभद्राकुमारी चौहान
- मेरी टेक / सुभद्राकुमारी चौहान
- मेरे पथिक / सुभद्राकुमारी चौहान
- यह कदम्ब का पेड़-2 / सुभद्राकुमारी चौहान
- यह कदम्ब का पेड़ / सुभद्राकुमारी चौहान
- विजयी मयूर / सुभद्राकुमारी चौहान
- विदा / सुभद्राकुमारी चौहान
- वीरों का हो कैसा वसन्त / सुभद्राकुमारी चौहान
- वेदना / सुभद्राकुमारी चौहान
- व्याकुल चाह / सुभद्राकुमारी चौहान
- समर्पण / सुभद्राकुमारी चौहान
- साध / सुभद्राकुमारी चौहान
- स्वदेश के प्रति / सुभद्राकुमारी चौहान
सुभद्रा कुमारी चौहान
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सुभद्रा कुमारी चौहान सुभद्रा कुमारी चौहान के सम्मान में जारी डाक-टिकट | |
जन्म: | १६ अगस्त १९०४ निहालपुर इलाहाबाद भारत |
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मृत्यु: | १५ फरवरी १९४८ जबलपुर भारत |
कार्यक्षेत्र: | लेखक |
राष्ट्रीयता: | भारतीय |
भाषा: | हिन्दी |
काल: | आधुनिक काल |
विधा: | गद्य और पद्य |
विषय: | कविता और कहानियाँ |
साहित्यिक आन्दोलन: | भारतीय स्वाधीनता आंदोलन से प्रेरित देशप्रेम |
अनुक्रम[छुपाएँ] |
जीवन परिचय
सुभद्रा कुमारी चौहान, चार बहने और दो भाई थे। उनके पिता ठाकुर रामनाथ सिंह शिक्षा के प्रेमी थे और उन्हीं की देख-रेख में उनकी प्रारम्भिक शिक्षा भी हुई। १९१९ में खंडवा के ठाकुर लक्षमण सिंह के साथ विवाह के बाद वे जबलपुर आ गई थीं। १९२१ में गांधी जी के असहयोग आंदोलन में भाग लेने वाली वह प्रथम महिला थीं। वे दो बार जेल भी गई थीं।[२] सुभद्रा कुमारी चौहान की जीवनी, इनकी पुत्री, सुधा चौहान ने 'मिला तेज से तेज' नामक पुस्तक में लिखी है। इसे हंस प्रकाशन, इलाहाबाद ने प्रकाशित किया है।[३] वे एक रचनाकार होने के साथ-साथ स्वाधीनता संग्राम की सेनानी भी थीं। डॉo मंगला अनुजा की पुस्तक सुभद्रा कुमारी चौहान उनके साहित्यिक व स्वाधीनता संघर्ष के जीवन पर प्रकाश डालती है। साथ ही स्वाधीनता आंदोलन में उनके कविता के जरिए नेतृत्व को भी रेखांकित करती है।[४] १५ फरवरी १९४८ को एक कार दुर्घटना में उनका आकस्मिक निधन हो गया था।[५]कथा साहित्य
बिखरे मोती उनका पहला कहानी संग्रह है। इसमें भग्नावशेष, होली, पापीपेट, मंझलीरानी, परिवर्तन, दृष्टिकोण, कदम के फूल, किस्मत, मछुये की बेटी, एकादशी, आहुति, थाती, अमराई, अनुरोध, व ग्रामीणा कुल १५ कहानियां हैं! इन कहानियों की भाषा सरल बोलचाल की भाषा है! अधिकांश कहानियां नारी विमर्श पर केंद्रित हैं! उन्मादिनी शीर्षक से उनका दूसरा कथा संग्रह १९३४ में छपा! इस में उन्मादिनी, असमंजस, अभियुक्त, सोने की कंठी, नारी हृदय, पवित्र ईर्ष्या, अंगूठी की खोज, चढ़ा दिमाग, व वेश्या की लड़की कुल ९ कहानियां हैं! इन सब कहानियो का मुख्य स्वर पारिवारिक सामाजिक परिदृश्य ही है! सीधे साधे चित्र सुभद्रा कुमारी चौहान का तीसरा व अंतिम कथा संग्रह है! इसमें कुल १४ कहानियां हैं! रूपा, कैलाशी नानी, बिआल्हा, कल्याणी, दो साथी, प्रोफेसर मित्रा, दुराचारी व मंगला ८ कहानियों की कथावस्तु नारी प्रधान पारिवारिक सामाजिक समस्यायें हैं ! हींगवाला, राही, तांगे वाला, एवं गुलाबसिंह कहानियां राष्ट्रीय विषयों पर आधारित हैं। सुभद्रा कुमारी चौहान ने कुल ४६ कहानियां लिखी, और अपनी व्यापक कथा दृष्टि से वे एक अति लोकप्रिय कथाकार के रूप में हिन्दी साहित्य जगत में सुप्रतिष्ठित हैं![६]सम्मान पुरस्कार
भारतीय तटरक्षक सेना ने २८ अप्रैल २००६ को सुभद्राकुमारी चौहान की राष्ट्रप्रेम की भावना को सम्मानित करने के लिए नए नियुक्त एक तटरक्षक जहाज़ को सुभद्रा कुमारी चौहान का नाम दिया है।[७] भारतीय डाकतार विभाग ने ६ अगस्त १९७६ को सुभद्रा कुमारी चौहान के सम्मान में २५ पैसे का एक डाक-टिकट जारी किया है।कृतियाँ
- कहानी संग्रह- बिखरे मोती, उन्मादिनी, सीधे साधे चित्र
- कविता संग्रह- मुकुल और त्रिधारा
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