Monday, November 18, 2024

Alfraganus University में व्याख्यान

 🔴HINDISTON | MA'RUZA


🟤Bugun Alfraganus universitetiga xalqaro hamkorlik doirasida Hindistonning Mumbay shtati Maharashtra shahrida joylashgan K.M. Agraval kolleji dotsenti, PhD Manish Kumar Mishra va Toshkent davlat sharqshunoslik universiteti Janubiy Osiyo tillari va adabiyoti oliy maktabi dotsenti v.b. PhD Kamola Raxmatjonova tashrif buyurdilar.


🟤PhD Manish Kumar Mishra Ijtimoiy fanlar fakulteti talabalari uchun "Hindiston falsafasi va dinlari" mavzusida ma’ruza o‘qib, Hindistonning falsafiy merosi, diniy an’analari hamda madaniy o‘ziga xosliklari haqida batafsil ma’lumot berdi.


🟤Uchrashuv davomida talabalar Hindiston madaniyati va dinlari haqidagi bilimlarini boyitish bilan birga, xalqaro fanlararo muloqotning muhim ahamiyatini chuqur angladilar.


Alfraganus University ताशकंद में आज "भारतीय दर्शन और सनातन धर्म" विषय पर व्याख्यान देने का अवसर मिला। इस अवसर के लिए प्रोफ़ेसर Kamola Rahmatjonova  और Alfraganus University में समाज विज्ञान विभागाध्यक्ष प्रोफ़ेसर शेरदोर जी का आभार .









Tuesday, October 22, 2024

गगनांचल पत्रिका में आलेख


भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद, नई दिल्ली द्वारा प्रकाशित एवं यूजीसी अनुमोदित पत्रिका 'गगनांचल' अंक जनवरी-अप्रैल, २०२४  में उज़्बेकिस्तान को लेकर मेरे लेख को प्रकाशित करने के लिए संपादक मंडल का आभार।














गोस्वामी तुलसीदास पर आयोजित दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय परिसंवाद

 आज दिनांक 18 अक्टूबर 2024 को जगतगुरु रामभद्राचार्य दिव्यांग राज्य विश्वविद्यालय, चित्रकूट और व्यंजना आर्ट एंड कल्चरल सोसायटी, प्रयागराज द्वारा गोस्वामी तुलसीदास पर आयोजित दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय परिसंवाद में ऑनलाइन माध्यम से सहभागी हो सका । आदरणीय Madhu Shukla जी का आभार ।










Saturday, October 12, 2024

डॉ.मनीष कुमार मिश्रा - संक्षिप्त परिचय 2024

 












नाम :  डॉ.मनीष कुमार मिश्रा

जन्म : वसंत पंचमी 09 फरवरी 1981

शिक्षा : मुंबई विद्यापीठ से MA हिंदी (Goldmedalist) वर्ष 2003, B.Ed. वर्ष 2005, “कथाकार अमरकांत : संवेदना और शिल्पविषय पर डॉ. रामजी तिवारी के निर्देशन में वर्ष 2009 में PhD ,  MBA (मानव संसाधन) वर्ष 2014, MA English वर्ष 2018

संप्रति :  विजिटिंग प्रोफेसर, ताशकंद स्टेट यूनिवर्सिटी ऑफ ओरिएंटल स्टडीज़, उज्बेकिस्तान  

                 के एम अग्रवाल महाविद्यालय (मुंबई विद्यापीठ से सम्बद्ध ) कल्याण पश्चिम ,महाराष्ट्र में सहायक आचार्य हिन्दी विभाग में 14 सितंबर 2010 से कार्यरत ।

सृजन :

·         राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय पत्र पत्रिकाओं /पुस्तकों इत्यादि में 80 से अधिक शोध आलेख प्रकाशित ।

·         250 से अधिक राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठियों / वेबिनारों में सहभागिता ।

·         15 राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठियों का संयोजक के रूप में सफ़ल आयोजन ।

 

प्रकाशन :

·         हिंदी और अंग्रेजी की लगभग 42 पुस्तकों का संपादन ।

·         अमरकांत को पढ़ते हुए   हिंदयुग्म नई दिल्ली से वर्ष 2014 में प्रकाशित । 

·         इस बार तुम्हारे शहर में कविता संग्रह शब्दशृष्टि, नई दिल्ली से 2018 में प्रकाशित ।

·         अक्टूबर उस साल कविता संग्रह शब्दशृष्टि, नई दिल्ली से 2019 में प्रकाशित ।

·         होश पर मलाल है - ग़ज़ल संग्रह, ऑथर्स प्रेस, नई दिल्ली से 2024 में प्रकाशित ।

·         तेरे अंजाम पे रोना आया - ठुमरी गायिकाओं पर केंद्रित आलेखों की पुस्तक ( सह लेखिका डॉ उषा आलोक दुबे ), आर के पब्लिकेशन मुंबई द्वारा 2024 में प्रकाशित 

सम्पर्क :     

·         manishmuntazir@gmail.com

·         https://onlinehindijournal.blogspot.com

91+ 9082556682, 8090100900

 

Saturday, September 21, 2024

उज़्बेकिस्तान में एक दिवसीय राष्ट्रीय परिसंवाद संपन्न ।

 उज़्बेकिस्तान में एक दिवसीय राष्ट्रीय परिसंवाद संपन्न ।

बुधवार, दिनांक 18 सितंबर 2024 को लाल बहादुर शास्त्री संस्कृति केन्द्र, ताशकंद, उज़्बेकिस्तान में आयोजित एक दिवसीय राष्ट्रीय परिसंवाद की शुरुआत सुबह 10 बजे हुई । परिसंवाद का मुख्य विषय था "उज़्बेकिस्तान में हिंदी: दशा और दिशा" । इस परिसंवाद के उद्घाटन सत्र में अध्यक्ष के रूप में उज़्बेकिस्तान में भारत सरकार की राजदूत आदरणीय स्मिता पंत जी उपस्थित थी । बीज वक्ता के रूप में वरिष्ठ हिंदी भाषाविद श्री बयोत रहमतोव और मुख्य अतिथि के रुप में ताशकंद स्टेट यूनिवर्सिटी ऑफ ओरिएंटल स्टडीज से डॉ निलूफर खोजाएवा ऑनलाईन माध्यम से उपस्थित हुई ।
कार्यक्रम की शुरुआत अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलित करके हुई । लाल बहादुर शास्त्री संस्कृति केन्द्र, ताशकंद के कल्चरल डायरेक्टर श्री सीतेश कुमार जी ने स्वागत भाषण देते हुए केंद्र की आगामी योजनाओं की भी चर्चा की । प्रस्ताविकी परिसंवाद संयोजक के रूप में डॉ मनीष कुमार मिश्रा ने प्रस्तुत करते हुए सत्र का संचालन भी किया । मुख्य अतिथि डॉ निलुफर खोजाएवा जी ने आयोजन की सफलता के लिए बधाई देते हुए अपने संस्थान में हिंदी की गतिविधियों की जानकारी दी। बीज वक्ता के रूप में श्री बयोत रहमतोव जी ने विस्तार से उज़्बेकिस्तान में इंडियन डायसपोरा की चर्चा करते हुए भोलानाथ तिवारी के कार्यों को याद किया। इस अवसर पर परिसंवाद में प्रस्तुत शोध आलेखों की पुस्तक का लोकार्पण भी मान्यवर अतिथियों के द्वारा किया गया। इस पुस्तक का सम्पादन डॉ मनीष कुमार मिश्रा एवं डॉ निलुफ़र खोजाएवा जी ने किया । इस एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी के लिए प्राप्त शोध आलेखों में से कुल 30 शोध आलेखों को ISSN JOURNAL ( 2181-1784), 4(22), September 2024, www.oriens.uz के माध्यम से प्रकाशित किया गया है।























वरिष्ठ हिन्दी प्राध्यापिका डॉ सादिकोवा मौजूदा काबिलोवना जी की पाठ्यक्रम केंद्रित पुस्तक का भी इस अवसर पर लोकार्पण हुआ । इस कार्यक्रम में ऑन लाईन माध्यम से भारत समेत कई अन्य देशों के हिंदी विद्वान उत्साहपूर्वक जुड़े रहे । अपने अध्यक्षीय वक्तव्य में आदरणीय स्मिता पंत जी ने लाल बहादुर शास्त्री संस्कृति केन्द्र, ताशकंद की साहित्यिक एवं सांस्कृतिक गतिविधियों की प्रशंसा की । हिंदी के प्रचार प्रसार हेतु ऐसे आयोजनों की सार्थकता पर आप ने विस्तार से चर्चा करते हुए आगामी आयोजनों के लिए हर संभव सहायता का आश्वासन भी दिया। उज़्बेकिस्तान में जनवरी 2025 में हिन्दी ओलम्पियाड़ आयोजित करने की योजना पर भी आप ने प्रकाश डाला ।
उद्घाटन सत्र के बाद प्रथम और द्वितीय चर्चा सत्र की शुरुआत हुई जिसकी अध्यक्षता वरिष्ठ हिंदी भाषाविद डॉ सादिकोवा मौजूदा काबिलोवना जी ने की । इस सत्र में जिन विद्वानों ने अपने शोध आलेख प्रस्तुत किए उनमें शाहनाजा ताशतेमीरोवा, कमोला अखमेदोवा, प्रवीण कुमार, नेमातो युरादिल्ला, डॉ. उषा आलोक दुबे , तिलोवमुरोडोवा शम्सिक़मर, निकिता, डा० कमोला रहमतजनोवा, डॉ. हर्षा त्रिवेदी, श्रीमती नेहा राठी, डॉ. राजेश सरकार और प्रो. उल्फ़त मोहीबोवा जी शामिल रहीं । इनमें से कई विद्वान ऑन लाईन माध्यम से संगोष्ठी से जुड़े रहे । ऑन लाईन माध्यम से संगोष्ठी से जुड़े अन्य विद्वानों में डॉ. फ़तहुद दिनोवा इरोदा, युनूसोवा आदोलत, अखमदजान कासीमोव, डॉ सिराजूद्दीन नुर्मातोव, संध्या सिलावट, डॉ.प्रियंका घिल्डियाल समेत अनेकों लोग देश-विदेश से शामिल थे ।
दोपहर के भोजन के उपरांत तीसरे चर्चा सत्र की शुरुआत हुई। इसकी अध्यक्षता वरिष्ठ हिन्दी भाषाविद श्री बयोत रहमतोव जी ने की । इस सत्र में जिन विद्वानों ने अपने शोध आलेख प्रस्तुत किए उनमें अज़ीज़ा योरमातोवा, जियाजोवा बेरनोरा मंसूर्वोना, मोतबार स्मतुलायवा, हिदायेव मिरवाहिद, खुर्रामो शुकरुल्लाह, डॉ. शिल्पा सिंह और डॉ. ठाकुर शिवलोचन शामिल रहे । इस सत्र में भी भारत से कई विद्वान ऑन लाइन माध्यम से प्रपत्र वाचक के रूप में जुड़े ।
तीसरे सत्र के बाद समापन सत्र की शुरुआत हुई। प्रतिभागियों ने इस आयोजन के संदर्भ में खुलकर अपने विचार प्रकट किए। अंत में लाल बहादुर शास्त्री संस्कृति केन्द्र, ताशकंद के कल्चरल डायरेक्टर श्री सीतेश कुमार जी के हाथों प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र और शोध आलेखों की पुस्तक भेंट की गई । अंत में डॉ मनीष कुमार मिश्रा ने सभी के प्रति आभार ज्ञापित किया और परिसंवाद समाप्ति की घोषणा की । इस तरह यह एक दिवसीय राष्ट्रीय परिसंवाद सम्पन्न हुआ ।
All reactions:
Nilufar Bekmuratovna Khodjaeva, Kamola Rahmatjonova and 14 others

Alfraganus University में व्याख्यान

 🔴HINDISTON | MA'RUZA 🟤Bugun Alfraganus universitetiga xalqaro hamkorlik doirasida Hindistonning Mumbay shtati Maharashtra shahrida jo...