Thursday, April 13, 2023

डॉ हर्षा त्रिवेदी का प्रथम काव्य संग्रह प्रकाशित

 डॉ हर्षा त्रिवेदी का प्रथम काव्य संग्रह " कहीं तो हो तुम" आर.के. पब्लिकेशन, मुंबई से प्रकाशित हो चुका है। कुल 66 कविताओं की यह पुस्तक अपने अंदर संवेदनाओं की कई कई गाठों को खोलती है। इन कविताओं में लालसाएं, सपने, प्रतिबद्धता, प्रेम, परिमार्जन, परिष्कार, राष्ट्रप्रेम के साथ साथ क्षमा, दया, करुणा और उदात्त मानवीय मूल्यों के लिए संकल्पों का रचनधर्मी फलक बहुत विस्तृत है। कई कविताएं सहिष्णुता के महत्व को रेखांकित करते हुए मनुष्य को अधिक उदार होने की तरफ़ इशारा करती हैं।

जीवन, प्रकृति, राष्ट्र , दर्शन, आध्यात्म और प्रेम की अभिव्यक्ति अधिकांश कविताओं का केंद्रीय स्वर है । प्रेम की अभिव्यक्ति कहीं एकदम सीधे सपाट पर मोहक रूप में हुई है तो कहीं उसपर आध्यात्म का आवरण दिखाई पड़ता है। कविता संग्रह का शीर्षक इसी बात का प्रमाण है। आज की बाजार केंद्रित विश्वगत व्यवस्था में संवेदनाओं की इतनी महीन कारीगरी शब्दों के साथ करनें में डॉ हर्षा अपनी इन कविताओं के माध्यम से सफल दिखाई पड़ती हैं। 

     डॉ हर्षा त्रिवेदी की कविताएं मन में धसे और गड़े भावों की शब्द चित्रकारी सी प्रतीत होती हैं। इन कविताओं में जीवन के प्रति सकारात्मक ऊर्जा और दृष्टिकोण है । इन कविताओं का एक सिरा मानवीय मूल्यों और भावों का है तो दूसरा इन भावों को निरंतर सिंचित करने वाले उदात्त प्रेम और आध्यात्मिक भाव का । ज्ञात से अज्ञात को जानने की लालसा में विश्वास इतना प्रबल है कि " कहीं तो हो तुम" जैसी महत्वपूर्ण कविता डॉ हर्षा रच सकीं । 

     डॉ हर्षा त्रिवेदी को उनके इस प्रथम काव्य संग्रह के प्रकाशन की बहुत बहुत बधाई। आशा है वे अपनी इस रचनाधर्मिता को लगातार आगे बढ़ाते हुए साहित्य सेवा में महती योगदान देती रहेंगी । यह किताब एमेजॉन पर ऑनलाइन उपलब्ध है। 


No comments:

Post a Comment

DSc Report

 DSc Report of Dr. Asqarova