हिंदी विभाग
Monday, March 11, 2024
Thursday, March 7, 2024
आठ मार्च विश्व महिला दिवस मनाते हुए
वैसे तो नाज़ुक है लेकिन फौलाद ढालना जानती है
वोअपने आंचल से ही ये दुनियां संवारना जानती है।
दुनियां बसाती है जो दिल में मोहब्बत को बसाकर
वो अपनी नज़रों से ही बद नजर उतारना जानती है।
सजाने संवारने में उलझी तो बहुत रहती है लेकिन
गोया जुल्फों की तरह सबकुछ सुलझाना जानती है।
ऐसा नहीं है कि उसके आस्तीन में सांप नहीं पलते
पर ऐसे सांपों का फन वो अच्छे से कुचलना जानती है।
हर एक बात पर रोज़ ही अदावत अच्छी नहीं होती
इसलिए रोज़ कितना कुछ वो हंसकर टालना जानती है।
आठ मार्च विश्व महिला दिवस मनाते हुए याद रहे कि
प्रकृति समानता सहअस्तित्व को ही निखारना जानती है।
डॉ मनीष कुमार मिश्रा
विजिटिंग प्रोफेसर (ICCR हिंदी चेयर )
ताशकंद स्टेट यूनिवर्सिटी ऑफ ओरिएंटल स्टडीज
ताशकंद, उज़्बेकिस्तान
Monday, March 4, 2024
Tuesday, February 27, 2024
Tuesday, February 20, 2024
वो मेरी मातृभाषा है।
वो मेरी मातृभाषा है ।
जिसके आंचल ने दुलराया
भावों से भर दिए हैं प्राण
जिसकी रज को चंदन जाना
और जाना जिसके तन को अपना प्राण
वो मेरी मातृभाषा है।
जीवन के ताने बाने को
बुननेवाली वो भाषा
मुझमें अक्सर शामिल
वो बिलकुल मुझ सी
वो मेरी मातृभाषा है।
जिसकी कोह में
मेरे सारे राग विराग
जो सुलझाती सारी उलझन को
करती रहती सदा दुलार
वो मेरी मातृभाषा है।
श्वास श्वास जिसकी अभिलाषा
जो जीवन शैशव सी है प्यारी
जो पावन उतनी
जितने की चारों धाम
वो मेरी मातृभाषा है।
डॉ मनीष कुमार मिश्रा
विजिटिंग प्रोफेसर (ICCR Hindi Chair)
ताशकंद स्टेट यूनिवर्सिटी ऑफ ओरिएंटल स्टडीज
ताशकंद, उज़्बेकिस्तान।
Thursday, January 18, 2024
राजस्थानी सिनेमा का इतिहास
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मित्रों,
आप को सूचित करते हुए प्रसन्नता हो रही है कि मेरे और डॉ हर्षा त्रिवेदी द्वारा संपादित पुस्तक "राजस्थानी सिनेमा का इतिहास" अनंग प्रकाशन द्वारा प्रकाशित होकर आ गई है। पुस्तक एमेजॉन से ऑनलाईन खरीदी जा सकती है।
राजस्थानी सिनेमा पर हिंदी में प्रकाशित संभवतः यह पहली पुस्तक है । राजस्थानी सिनेमा से जुड़े कई लोगों तक हम नहीं पहुंच सके लेकिन भविष्य में इसके संशोधित, परिवर्धित संस्करण की जब भी योजना बनेगी, इसमें नए विचारों और आलेखों को निश्चित ही स्थान दिया जाएगा। पुस्तक में जो प्रूफ इत्यादि की त्रुटियां रह गई हैं, आगामी संस्करण में उसे भी सुधार लिया जाएगा।
इस पुस्तक में कुल 25 आलेख हैं जिनमें से 03 आलेख अंग्रेजी और 22 आलेख हिंदी में हैं । श्रीमती तोमर जी के दो स्वतंत्र आलेख प्रकाशित हुए हैं।
राजस्थानी सिनेमा पर जो लोग शोध कार्य से जुड़े हैं उनके लिए रिफ्रेंस बुक के रूप में यह किताब निश्चित ही बड़ी सहायक होगी । एकदम अछूते विषयों और क्षेत्रों में काम करने की अपनी अलग चुनौती होती है, सामग्री का अभाव बड़ी समस्या है। ऐसे में हमने इस चुनौती को स्वीकार करते हुए यथाशक्ति कोशिश की कि हम संबंधित विषय पर अधिकतम जानकारी एक दस्तावेज के रूप में अकादमिक जगत में उपलब्ध करा सकें । हम कितने सफल हुए यह तो पाठक ही बताएंगे लेकिन काम को पूरा करने का सुकून हमें ज़रूर मिला । आशा और विश्वास है कि पाठकों का आशीष भी उनकी प्रतिक्रिया के रूप में हमें प्राप्त होगा ।
इस पुस्तक के प्रकाशन की जिम्मेदारी अनंग प्रकाशन, नई दिल्ली ने विधिवत निभाई । उनके सहयोग के लिए हम उनके आभारी हैं। अंत में पुनः सभी के प्रति आभार ज्ञापित करते हुए हम विश्वास रखते हैं कि आगे भी सभी का सहयोग इसी तरह मिलता रहेगा।
धन्यवाद!
डॉ मनीष कुमार मिश्रा
डॉ हर्षा त्रिवेदी
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Thursday, January 11, 2024
Wednesday, January 10, 2024
एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी में " उज़्बेकिस्तान में हिन्दी प्रचार प्रसार की वर्तमान स्थिति" विषय पर अपना प्रपत्र प्रस्तुत
आज विश्व हिन्दी दिवस पर SNDT Women's University, Mumbai और हिंदुस्तानी प्रचार सभा के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित एक दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी में " उज़्बेकिस्तान में हिन्दी प्रचार प्रसार की वर्तमान स्थिति" विषय पर अपना प्रपत्र प्रस्तुत किया। हिंदी विभाग की अध्यक्षा डॉ पल्लवी प्रकाश जी को इस सफल आयोजन की बधाई ।
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http://old.mu.ac.in/wp-content/uploads/2016/06/4.23-F.Y.B.A-Complusary-Hindi-final.pdf